पांच अगस्त, 2024 को एक छात्र-नीत विद्रोह द्वारा शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किये जाने के बाद, बांग्लादेश के नये शासकों, नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली सेना-समर्थित अंतरिम सरकार, ने एक नयी शुरुआत का वादा किया। लेकिन नये सवेरे की बात छोड़िए, 17 करोड़ की आबादी वाला यह देश छह महीने बाद एक स्थिर राजनीतिक व्यवस्था हासिल करने से कोसों दूर है। इसी 5 फरवरी को पूरे देश में कानून-विहीनता का खुला प्रदर्शन देखा गया जब एक भीड़ ने, धानमंडी में, प्रथम राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान का आवास तहस-नहस कर दिया। इसकी वजह वो खबरें बनीं जिनमें कहा गया था कि भारत में निर्वासन में रह रहीं शेख हसीना 5 फरवरी को एक भाषण के प्रसारण की योजना बना रही हैं। प्रदर्शनकारियों ने बंगबंधु स्मारक संग्रहालय को नेस्तनाबूद करने की अपनी योजना को ऑनलाइन प्रचारित किया। खुदाई मशीनों और बुलडोजरों का इस्तेमाल करके, उन्होंने सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में उस इमारत पर हमला बोल दिया जहां राष्ट्रपिता की सन 1975 में हत्या की गयी थी। शेख हसीना और अन्य अवामी लीग नेताओं के आवासों को तहस-नहस किया गया। अंतरिम सरकार ने सख्त कार्रवाई का वादा किया और यूनुस ने शांति का आह्वान किया। लेकिन तीन बाद, सुरक्षा बलों की कार्रवाई ने अवामी लीग सदस्यों को निशाना बनाया और एक दिन में 1000 से ज्यादा गिरफ्तारियां की गयीं।
यह हमला कोई अलग-थलग घटना नहीं है। यूनुस और छात्र प्रदर्शनकारियों ने हसीना पर तानाशाही शासन चलाने का आरोप लगाया है। यूनुस ने सुधरी हुई संस्थाओं, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ एक नया बांग्लादेश बनाने का वादा भी किया है। लेकिन शेख हसीना की बेदखली के छह महीने बाद, अंतरिम सरकार ने अपने सुधार एजेंडे में बहुत थोड़ी प्रगति की है और आम चुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा अभी बाकी है। हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों के साथ-साथ अहमदिया मुसलमानों और चटगांव पहाड़ी इलाकों के जातीय (एथनिक) अल्पसंख्यकों के खिलाफ भीड़ द्वारा हिंसा की शिकायतें बार-बार आ रही हैं। पिछले 5 अगस्त से अब तक 100 से ज्यादा लोग मारे गये हैं और कम-से-कम 11,000 लोग गिरफ्तार हुए हैं। गिरफ्तार लोगों में 140 पत्रकार शामिल हैं, जो उन घटनाओं की रिपोर्टिंग को लेकर हत्या के आरोपों का सामना कर रहे हैं जिनके चलते शेख हसीना को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। सरकार ने आधिकारिक कार्यक्रमों और ब्रीफिंगों के लिए जरूरी, 150 से ज्यादा प्रेस मान्यताएं भी रद्द कर दी हैं। अवामी लीग के छात्र मोर्चे ‘छात्र लीग’ को प्रतिबंधित कर दिया गया है। जनवरी में जारी एक ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ रिपोर्ट ने चेताया है कि अवामी लीग की मुखालिफत करने वाले “अब आलोचना के प्रति वैसी ही असहिष्णुता प्रदर्शित कर रहे हैं”। कानून-विहीनता और हिंसा के लिए, यूनुस प्रशासन और छात्र नेता अब भी शेख हसीना को दोषी ठहरा रहे हैं। यह जवाबदेही का पूरी तरह परित्याग कर देने के बराबर है। अगर हिंसा और कानून-विहीनता जारी रहती है तो बांग्लादेश एक बेहतर व्यवस्था की ओर नहीं बढ़ सकता। शासक के बतौर, यह सुनिश्चित करना यूनुस की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि कानून-व्यवस्था बनी रहे। इसके अलावा, उन्हें सुधार प्रक्रिया तेज करनी चाहिए और चुनाव का एलान करना चाहिए ताकि बांग्लादेश को जल्द-से-जल्द एक निर्वाचित व वैध सरकार मिल सके।
Published - February 12, 2025 11:04 am IST